How To Reach Temple
तिलकेश्वर महादेव राजस्थान का एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है जो कि स्वयं कैलाश पर्वत का एक प्रतीक है। यह मंदिर लगभग उदयपुर से 82 किलोमीटर की दूरी पर है जिसका रास्ता उदयपुर के पिंडवाड़ा हाईवे पर आता है पिंडवाड़ा हाईवे से 30 किलोमीटर आगे की दूरी पर बिलिया गांव की तरफ मुड़ना पड़ता है। गांव से लगभग 20 किलोमीटर के अंदर तिलकेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। यहां का घाटा बहुत खराब है तो वाहन धीरे चलाइएगा | वाहन एक्सीडेंट रोड हादसे यहां पर अधिकतम होते रहते हैं।
यहां पर घूमने का मजा बारिश के मौसम में आता है चारों और से पानी बहता है यहां की नदी का बहाव बहुत तेज हो जाता है मॉनसून का मौसम शुरू होते ही यहां पर भक्तों का आना जाना और भीड़ लगी रहती है| अधिकतम भीड़ यहां पर संडे को पिकनिक बनाने आती है|
मैं आप लोगों से एक ही बात कहूंगा कि अगर आप इस मंदिर में आ रहे हैं तो नशा पता करके ना आए इसमें आपका ही नुकसान है और यहां का रास्ता ऐसा है कि अगर गलती से भी कोई नीचे फिसला तो सीधे 1000 फुट नीचे खाई में गिरेगा क्योंकि जान है तभी तो जहान है|
Tilkeshwar mahadev In 2021
सावन का महीना शुरू होते ही यहां पर बहुत से श्रद्धालु आते हैं भारत देश के सबसे दुर्लभ मंदिर में से एक तिलकेश्वर महादेव का मंदिर है | उदयपुर के पहाड़ों के अंदर विराजमान तिलकेश्वर महादेव के दर्शन करना कोई आसान नहीं है। ऐसा माना जाता है कि अगर यहां पर कठिनाइयों को पार कर के आपने मंदिर में दर्शन करें तो आपकी हर मनोकामनाएं पूरी हो जाएगी|
जल अभिषेक कराने वाले शिव की पूजा यहां पर एक मुट्ठी तिल चढ़ाने से होती है | आप लोगों ने बहुत से शिव मंदिर देखे होंगे लेकिन इस मंदिर की आकृति को देखकर आप दंग रह जाएंगे। जितना कठिन इस मंदिर का रास्ता है उतना ही कठिन है तिलकेश्वर महादेव को प्रसन्न करना | शिव शंकर का यहां पर पंचामृत से नहीं बल्कि तिल से अभिषेक किया जाता है |
यहां के बहुत से गांव के लोग कहते हैं कि जो भी इस गांव में लूटपाट और चोरी करता है। वह कौड़ी या तो पागल हो जाता है और जो यहां सच्चे दिल से मनोकामना रखता है उसकी हर एक ख्वाहिश पूरी हो जाती है और जीवन भर उसका कल्याण होता है।
घर गृहस्ती व्यापार में कभी कमी नहीं आती है चारों ओर से लाभ होने लगता है और बिगड़े काम बन जाते हैं|
History of Tilkeshwar Mahadev
तिलकेश्वर महादेव का इतिहास लगभग लाखो वर्ष पुराना है। एक बार श्री भूमनु के पुत्र राजा तिलक को अकाल और धन की कमी से जूझना पड़ा था। उनका धन कोष पूरी तरह से खाली हो गया था और पूरे गांव में दलिदरि आ गई थी इस गांव की प्रजा पाई पाई के लिए मोहताज हो गई थी |
तब राजा तिलक ने इसी जगह नर्मदा नदी किनारे भगवान शिव का कठोर तप किया और उन्होंने तील से कई सालों तक भगवान शंकर का अभिषेक किया और आखिरकार उन्होंने पाया सर्वत्र धन का वरदान। शिव ने उनकी इच्छा ही नहीं पूरी करी बल्कि समस्त प्रजा जन को भी आजीवन सुख समृद्धि से भरे पूरे रहने का भी वरदान दिया।
तभी यहां के लोगों की आस्था शिव के प्रति बहुत अधिक है और तब से यह मंदिर तिलकेश्वर महादेव के नाम से जाना और पूजा जाता है।
Exploring Tilkeshwar Mahadev In 2021
इस वीडियो को क्लिक करें और देखें इसमें आपको तिलकेश्वर महादेव की पूरी की पूरी जानकारी मिल जाएगी | इस वीडियो में जगह का वर्णन इस प्रकार किया गया है कि आपको यहां पर आने में कोई तकलीफ नहीं होगी
Jinji ka Kila-Shivaji Maharaj has called this fort an impregnable fort.